
Epfo Rule Changes 2025: ईपीएफओ ने दावा निपटान प्रक्रिया को सरल बनाया: सदस्यों और नियोक्ताओं के लिए बड़ी राहत
Epfo Rule Changes 2025 भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही ईपीएफओ ( कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ) ने हाल ही में दो अपडेट को जारी किया है जिसमे की दावा निपटने प्रक्रिया को और सरल बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है इस कदम का मुख्य उद्देश्य जीवन यापन को आसान बनाना और नियोक्ताओं के लिए व्यवसाय सुविधाओं को बढ़ावा देना है इस नए अपडेट से ईपीएफओ कार्यों में तेजी आएगी और अनुरोध के खारिज होने में कमी आयेगी।
Epfo Rule Changes 2025
EPFO अपडेट | बैंक लिंक प्रक्रिया में बदलाव |
कब जारी किया | साल 2025 में |
अपडेट का उद्देश्य | दावा निपटान प्रक्रिया को सरल बनाना |
अपडेट वेबसाइट | यहां क्लिक करें |
1. चेक लीफ/बैंक पासबुक की छवि अपलोड करने की अनिवार्यता समाप्त
ईपीएफओ अकाउंट में ऑनलाइन बैंक खाता लिंक करने के लिए दावा दाखिल करते समय चेक लीफ या सत्यापित बैंक पासबुक की छवि अपलोड करनी पड़ती थी लेकिन अब बैंक खाता पासबुक फोटो कॉपी को अपलोड करने की आवश्यकता को पूरी तरह से हटा दिया गया है। जिन सदस्यो ने पहले Ekyc अपडेट को पूरा कर लिया था उन्हें यह छूट पायलट आधार पर लागू की गई थी लेकिन अब इस अपडेट के बाद इसे सभी ईपीएफओ सदस्यो के लिए विस्तारित कर दिया गया है।

क्यों हटाई गई यह आवश्यकता?
- ईपीएफओ यानिकि यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) से बैंक खाते को लिंक करते वक्त बैंक अकाउंट खाताधारक का नाम उसके बैंक खाते से पहले ही सत्यापित हो चुका होता है।
- खराब बैंक पासबुक की फोटोकॉपी अपलोड करने के कारण जायदा दावों के खारिज होने की समस्या होती थी अब इससे दावा खारिज होने की समस्या दर कम होगी।
- अब तक 1.7 करोड़ सदस्यों को इस सुविधा का लाभ मिल चुका है, और नए बदलाव से लगभग 6 करोड़ सदस्यों को फायदा होगा।
2. बैंक खाता जोड़ने के लिए नियोक्ता की मंजूरी की आवश्यकता समाप्त
जैसे की आप जानते है की पहले आपको अपने UAN अकाउंट बैंक खाता लिंक करने के लिए अप्लाई करना होता था जिसके बाद नियोक्ता की मंजूरी के बाद खाता लिंक किया जाता था लेकिन अब ऐसा नहीं है इस प्रक्रिया को अब हटा दिया गया है UAN खाताधारक अपने बैंक खाते को अब बिना नियोक्ता की स्वीकृति के सीधे अपना बैंक खाता लिंक कर सकते हैं।
इस बदलाव के मुख्य लाभ:
- नियोक्ताओं के कार्यभार में कमी: पहले बैंक सत्यापन के बाद नियोक्ता को औसतन 13 दिन का समय मंजूरी देने में लगता था, जिससे प्रक्रिया धीमी हो जाती थी।
- सदस्यों को त्वरित लाभ: वर्तमान में 14.95 लाख से अधिक अनुरोध नियोक्ताओं के पास लंबित हैं, जिन्हें अब तुरंत प्रोसेस किया जा सकेगा।
- सरलीकृत प्रक्रिया: सदस्य अब नया बैंक खाता जोड़ने या पुराने खाते को बदलने के लिए आधार ओटीपी और आईएफएससी कोड का उपयोग कर सकते हैं।
क्या करें यदि बैंक खाता अभी तक लिंक नहीं हुआ है?
जिन सदस्यों ने अभी तक अपना बैंक खाता UAN से लिंक नहीं किया है, वे नई सरलीकृत प्रक्रिया का लाभ उठाकर इसे तुरंत जोड़ सकते हैं। इससे भविष्य में PF निकासी या पेंशन लाभ प्राप्त करने में आसानी होगी।
निष्कर्ष
ईपीएफओ के ये नए बदलाव सदस्यों और नियोक्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगे। दावा प्रक्रिया में सरलीकरण से समय की बचत होगी और शिकायतों में कमी आएगी। सदस्यों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बैंक खाते को UAN से जोड़कर भविष्य में होने वाली सुविधाओं का पूरा लाभ उठाएं।
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